अंतरराष्ट्रीय परिचर्चा “राष्ट्रीय शिक्षा नीति और हिंदी एवं भारतीय ज्ञान परंपरा” में मुख्य अतिथि के रूप में महत्वपूर्ण संबोधन दिया। इस कार्यक्रम में कैलिफ़ॉर्निया से डॉ. अलका मनीषा और साठये महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. माधव राजवाड़े सहित कई शिक्षाविदों ने भाग लिया एवं परिचर्चा के संयोजक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, अध्यक्ष हिंदी विभाग, साठये महाविद्यालय, मुंबई के कुशल नेतृत्व में शिक्षा नीति, हिंदी भाषा और भारतीय ज्ञान परंपरा के समक्ष आने वाली चुनौतियों और संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
डॉ. विपिन कुमार ने हिंदी की भूमिका को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में और मजबूती से शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और ज्ञान का संवाहक है।” कार्यक्रम में शिक्षा, संस्कृति और भाषा पर व्यापक चर्चा हुई, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई।