विश्व हिन्दी परिषद के महासचिव डा. बिपिन कुमार की हिन्दी के लिए की जा रही सतत संघर्षपूर्ण भूमिका अत्यंत सराहनीय है। हिन्दी के प्रति उनकी दृढ़ता, अवचेतनता, अविस्मरणीय दृष्टिगोचर होती है। इस पुनीत कार्य में, इस राष्ट्रीय यज्ञ में मैं अपनी नैतिक आहुति देने को तत्पर हूं और सदैव रहूँगा। इस कार्यक्रम में हिन्दी प्रेमियों की विशाल उपस्थिति बेहद प्रशंसनीय है।