vishwa hindi parishad

+(011) 35990037 , +(91) 8586016348

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डॉ॰ विपिन कुमार, राष्ट्रीय महासचिव, विश्व हिंदी परिषद

डॉ. विपिन कुमार  प्रख्यात स्तंभकार, लेखक और राष्ट्रवादी विचारक हैं, आप  हिंदी साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।, विश्व हिंदी परिषद के  राष्ट्रीय महासचिव के रूप में मातृभाषा हिंदी की सेवा कर रहे हैं और  संपादक के रूप में  विभिन्न राष्ट्रीय अखवारों में समसामयिक मुद्दों पर सम्पादकीय लेखन का कार्य कर रहे हैं। डॉ. विपिन कुमार  बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, पटना के  संरक्षक हैं और वर्तमान में संयोजक के तौर पर देश -विदेश में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का सफल संचालन कर रहे हैं।

डॉ. विपिन कुमार ने 15 से अधिक वर्षों से हिंदी साहित्य एवं राष्ट्रभाषा की सेवा में संलग्न रहते हुए प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मेलनों में विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। वे पूर्व में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के पुस्तक चयन समिति के सदस्य रहे हैं और 11वीं एवं 12वीं विश्व हिंदी सम्मेलनों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व क्रमशः मौरिशस एवं फ़िजी में कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने वियतनाम, थाईलैंड और कम्बोडिया में अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों में संयोजक के रूप में कार्य किया है।

डॉ. कुमार को कारपोरेट कार्यालयों और विभिन्न मंत्रालयों में अतिथि व्याख्याता के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जहां वे हिंदी में व्याख्यान देते हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी विविध  कार्यक्रमों में अतिथि वक्ता के रूप में भाग लेते हैं।  सांस्कृतिक योगदान के तहत, वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न आनुशंगिक संगठनों में भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।

सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में, डॉ. कुमार आयुष ,मानवाधिकार, नशा-मुक्ति, उपभोक्ता संरक्षण, और नारी उत्थान जैसे विषयों पर सेमिनार और संगोष्ठियों का आयोजन करते हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तक “हिंदी और समाज” का प्रकाशन भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ और विश्व हिंदी परिषद द्वारा किया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने “संपूर्ण योग” एवं माइंड पावर मेमोरी जैसी अन्य प्रमुख  रचनाएं भी की हैं।

डॉ. विपिन कुमार को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें वियतनाम बुक ऑफ़ रिकोर्डस , इंडिया बुक ऑफ़ रिकोर्डस के साथ ही  राष्ट्रीय गौरव सम्मान-2019, विश्व हिंदी सेवा सम्मान-2017, और डॉ. रामधारी सिंह दिनकर सम्मान-2005 शामिल हैं।

उनका कार्य हिंदी भाषा और साहित्य के उत्थान में निरंतर प्रगति और समर्पण का प्रतीक है।