एक समर्पित शोधकर्ता, लेखक और समाजसेवी
डॉ. नंदकिशोर साह, एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति हैं, जिन्होंने शिक्षा, लेखन और सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के बनकटवा गांव में जन्मे डॉ. साह ने अपनी शिक्षा और करियर के माध्यम से समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शैक्षणिक योग्यता और रुचियां
डॉ. साह ने पीएचडी सहित कई शैक्षणिक योग्यताएं हासिल की हैं। राजनीति विज्ञान, समाज कार्य, पत्रकारिता और ग्राम विकास जैसे विविध विषयों में उनकी गहरी रुचि है। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विभिन्न सम्मेलनों, सेमिनार और विचार-गोष्ठियों में सक्रिय रूप से भाग लिया है।
लेखन और प्रकाशन
डॉ. साह एक कुशल लेखक हैं। उन्होंने कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध लेख प्रकाशित किए हैं और कई दैनिक समाचार पत्रों के लिए संपादकीय लेख लिखे हैं। उनके द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकें – ‘सफलता का सोपान: इंटरव्यू’, ‘यादों के झरोखों से- बापू’ और ‘समावेश विकास में शिक्षा और समाज’ – उनके लेखन कौशल का प्रमाण हैं। वर्तमान में उनकी एक और पुस्तक ‘किताब से संवाद’ प्रकाशन के लिए तैयार है।
समाज सेवा
डॉ. साह ने जीविका बिहार में कार्य करते हुए और वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्यरत रहते हुए ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विश्व हिंदी परिषद के राष्ट्रीय संपर्क सह-समन्वयक के रूप में उन्होंने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।
पुरस्कार और सम्मान
डॉ. साह को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं। इनमें एन. कृष्णा स्वामी पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ स्वयं सेवक एवार्ड, महात्मा ज्योतिबा फुले फेलोशिप सम्मान, जिला युवा पुरस्कार, नेशनल लेवल ज्वेल ऑफ इण्डिया सोशल अवार्ड, डॉ विश्वकृति हरविंद्र कौर स्मृति सम्मान और विश्व हिंदी परिषद द्वारा सम्मान पत्र शामिल हैं।
डॉ. नंदकिशोर साह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने शिक्षा, लेखन और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उनके द्वारा किए गए कार्यों से यह स्पष्ट होता है कि वे एक समर्पित शोधकर्ता, लेखक और समाजसेवी हैं। उनका जीवन और कार्य युवाओं के लिए प्रेरणादायी है।