अमेरिका की मध्यस्थता से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हुआ है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। भारत ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भविष्य में कोई भी आतंकी हमला ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा और उसका जवाब उसी स्तर पर मिलेगा। यह संदेश पाकिस्तान के लिए साफ है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समाप्त होने के बाद भी भारत उसकी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
मोदी सरकार ने दो टूक कहा है कि अगर पाकिस्तान ने अपने जेहादी आतंकियों के जरिए भारत में कोई आतंकी घटना करवाई, तो भारत बिना देर किए कड़ी कार्रवाई करेगा। इतना सख्त संदेश पहले किसी भारतीय सरकार ने नहीं दिया था। पहले आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान इसका फायदा उठाकर कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने और भारत को अपनी शर्तों पर बातचीत के लिए मजबूर करने की कोशिश करता था। लेकिन मोदी सरकार ने इस रणनीति को नाकाम कर दिया। भारत की सोच और नीति अब बदल चुकी है। इस बदलाव की झलक 2016 में उरी हमले के बाद दिखी, जब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने भारतीय सैन्य ठिकाने पर हमला किया था।
भारत ने दो हफ्ते से भी कम समय में एलओसी पार कर पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। लेकिन पाकिस्तान ने अपनी पुरानी आदत नहीं छोड़ी। 1971 की हार और कारगिल युद्ध की शिकस्त के बाद भी, जो सीधा युद्ध लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकता, उसने प्रॉक्सी वॉर के तहत 2019 में पुलवामा हमला करवाया। भारत ने इसका जवाब बालाकोट एयर स्ट्राइक से दिया।
बालाकोट हमले ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया, बल्कि उस जेहादी सोच पर भी प्रहार किया, जो गजवा-ए-हिंद जैसे खतरनाक विचारों को जन्म देती है। इतिहास में सैय्यद अहमद बरेलवी ने भी ऐसी ही सोच के साथ भारत को ‘दारुल-हर्ब’ से ‘दारुल-इस्लाम’ बनाने की कोशिश की थी, लेकिन महाराजा रणजीत सिंह की सेना ने उसे और उसके समर्थकों को कुचल दिया था। आज भी पाकिस्तान और उसके आतंकी उसी जेहादी सोच के साथ भारत के खिलाफ साजिश रचते हैं, लेकिन मोदी सरकार इस सोच को जड़ से उखाड़ने में जुटी है। पिछले महीने 22 तारीख को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की नीच हरकत को उजागर किया। भारत ने इस बार भी देर नहीं की और दो हफ्ते से ज्यादा समय लिए बिना आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। साथ ही, परमाणु हथियारों की धमकी देने वाले पाकिस्तान को भी घुटनों पर ला दिया।
पहले जहां पाकिस्तान अपनी परमाणु ताकत का हवाला देकर भारत को डराता था, वहीं अब मोदी सरकार उसकी धमकियों को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान ने हरकतें जारी रखीं, तो वह तबाह हो जाएगा, चाहे उसकी परमाणु ताकत कुछ भी हो। पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख आसिफ मुनीर, जो हाफिज-ए-कुरान होने का दावा करते हुए ‘टू नेशन थ्योरी’ का राग अलापते हैं, उनकी भी बोलती बंद हो गई। उन्हें शायद नहीं पता था कि भारत अब पहले वाला भारत नहीं रहा। मोदी के नेतृत्व में भारत अब आंख दिखाने वालों की आंख निकालने की मानसिकता के साथ आगे बढ़ रहा है। युद्धविराम के बावजूद भारत ने साफ कर दिया है कि यह छूट नहीं है। भविष्य में कोई भी आतंकी घटना युद्ध मानी जाएगी और उसका जवाब उसी तरह दिया जाएगा। पाकिस्तान को अगर भारत के गुस्से से बचना है, तो उसे अपनी जेहादी मानसिकता और आतंकी ढांचे को पूरी तरह खत्म करना होगा। यह आसान नहीं, लेकिन उसके पास कोई और रास्ता भी नहीं है। यह संदेश सिर्फ पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों के लिए भी है, जो 1971 में भारत की मदद से आजाद हुआ, लेकिन अब जेहादी सोच के उभार के साथ भारत को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। अगर बांग्लादेश ने भी अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए होने दिया, तो भारत उसे भी बख्शेगा नहीं। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों को यह बात जितनी जल्दी समझ आ जाए, उतना ही उनके लिए बेहतर होगा।